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लेखनी प्रतियोगिता -17-Aug-2022


उम्मीद के सहारे
जीवन के इस समर में
हमने कदम उतारे
उम्मीद के सहारे।

जब चाह यूं विकट हो
मंजिल भी जब निकट हो
तो कौन पथ में रुककर
अच्छा बुरा विचारे।

उस पार है सफलता
सपनों में जो है पलता
तो किसके मोह में तू
पीछे पलट निहारे।

जीवन है एक आंधी
उम्मीद जिसने बांधी
जिसने कदम बढ़ाए
उसके हुए सितारे।।




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20 Comments

Pankaj Pandey

19-Aug-2022 07:37 AM

Bahut achhi rachana

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Anshumandwivedi426

19-Aug-2022 04:12 PM

कोटिशः धन्यवाद

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shweta soni

19-Aug-2022 06:31 AM

Nice

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Anshumandwivedi426

19-Aug-2022 04:11 PM

सादर धन्यवाद

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Anshumandwivedi426

19-Aug-2022 04:10 PM

धन्यवाद जी

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